नई दिल्ली: इजरायल-हमास जंग के बीच पूर्व न्यायाधीशों, राजनयिकों, कार्यकर्ताओं, लेखकों और अर्थशास्त्रियों सहित 25 नागरिकों के एक समूह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। इस पत्र में इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद के निर्यात का लाइसेंस रद्द करने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है कि हम इजरायल को सैन्य हथियारों और युद्ध सामग्री की आपूर्ति के लिए विभिन्न भारतीय कंपनियों को निर्यात लाइसेंस और अनुमति जारी रखे जाने पर चिंतित हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि इजरायल अपने दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है। 30 जुलाई को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि इजरायल को किसी भी सैन्य सामग्री की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत भारत के दायित्वों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 (सी) के साथ अनुच्छेद 21 के जनादेश का उल्लंघन होगा। इसलिए, हम आपसे आग्रह करते हैं कि संबंधित निर्यात लाइसेंस रद्द करें और इजरायल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को किसी भी नए लाइसेंस को देना बंद करें।भारत की कई सरकारी और निजी कंपनियां इजरायली रक्षा उत्पादन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। ये भारतीय कंपनियां इजरायल की कंपनियों के लिए उनके उत्पादों के और हिस्से बनाती हैं। पत्र में तीन भारतीय कंपनियों - मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL), प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (PEL) और अडानी-एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड का उल्लेख है। पत्र में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून एक तरफ, हम इस तरह के निर्यात को नैतिक रूप से आपत्तिजनक, वास्तव में घृणित मानते हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इसके अलावा, भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत हर संभव प्रयास करना चाहिए कि इजरायल को पहले ही दिए जा चुके हथियारों का इस्तेमाल नरसंहार या अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन में न किया जाए।
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