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Thursday, 9 January 2025

खलीफा एर्दोगन की सनक तो देखें, एक साथ 31 युद्धपोत बना रहा तुर्की, टेंशन में भारत के दो दोस्त

अंकारा: तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह खुलासा किया कि तुर्की के शिपयार्ड एक साथ 31 नौसैनिक जहाज बना रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले दशकों में ये युद्धपोत तुर्की की नौसेना की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे। इनमें एक विमानवाहक पोत और एक विध्वंसक पोत शामिल हैं। मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय पनडुब्बी परियोजना (मिल्डेन) का पहला वेल्डिंग समारोह गोलकुक शिपयार्ड कमांड में आयोजित किया गया। इसके अतिरिक्त, TF-2000 एयर डिफेंस विध्वंसक और विमानवाहक पोत (मुगेम) परियोजनाओं के लिए पहली शीट मेटल कटिंग इस्तांबुल शिपयार्ड कमांड में हुई, जो उनके निर्माण प्रक्रियाओं की शुरुआत को चिह्नित करती है।

तुर्की की सैन्य शक्ति बढ़ा रहे एर्दोगन

अंकारा दशकों से अपने नौसैनिक बेड़े में निवेश कर रहा है। 2002 से तुर्की की सत्ता पर काबिज खुद को इस्लामी जगत का खलीफा साबित करने की कोशिश करने वाले राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अपने देश की सैन्य शक्ति को काफी मजबूत किया है। उनके कार्यकाल में तुर्की ने अपने क्षेत्रों और बाहर के देशों में कुर्द सशस्त्र समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाए। इस कारण अमेरिका जैसे देशों ने तुर्की पर आधिकारिक और अनौपचारिक सैन्य प्रतिबंध लगा दिए थे। इस कारण तुर्की ने अपने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा दिया और कई डिफेंस प्रोजेक्ट को गति दी।

31 जहाजों का एक साथ निर्माण कर रहा तुर्की

हालांकि, 31 जहाजों का एक साथ निर्माण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जैसा पहले किसी भी देश ने नहीं किया है। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस तरह की महत्वाकांक्षी परियोजना की कीमत $8 बिलियन से अधिक हो सकती है। तुर्की की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से काफी खस्ताहाल है। ऐसे में इतना भारी भरकम खर्च करने से तुर्की की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। इसके अलावा तुर्की को इन जहाजों के निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा खर्च कर रक्षा उपकरणों का आयात भी करना पड़ेगा।

31 जहाजों में कौन-कौन से युद्धपोत शामिल

तुर्की में बनाए जा रहे 31 युद्धपोतों में एक एयरक्राफ्ट कैरियर, एक विध्वंसक और एक नई पनडुब्बी के अलावा, जर्मन-डिजाइन किए गए टाइप 214 पर आधारित पांच रीस-क्लास पनडुब्बियां, सात I-क्लास फ्रिगेट, छह खुले समुद्र के गश्ती जहाज (OPV-2100), आठ आधुनिक लैंडिंग क्राफ्ट टैंक (LCT), एक आधुनिक माइन-हंटिंग शिप और एक 55-क्लास फास्ट अटैक क्राफ्ट (FAC) शामिल हैं। यह निर्माण अभियान तुर्की की न केवल अपने आस-पास के क्षेत्र में बल्कि हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका और हिंद महासागर तक शक्ति प्रदर्शित करने की आकांक्षाओं को दर्शाता है।

भारत के दो दोस्तों की बढ़ेगी टेंशन

तुर्की के इस नौसैनिक ताकत से भारत के दो दोस्त देश इजरायल और ग्रीस की टेंशन बढ़ सकती है। इन दोनों देशों का तुर्की के साथ गंभीर विवाद है। हाल में ही इजरायल की एक सरकारी कमेटी ने सुझाव दिया है कि सेना को तुर्की के साथ युद्ध की संभावनाओं पर तैयारी करनी चाहिए। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कई मौकों पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हिटलर बताया है और इजरायल से युद्ध की वकालत की है। वहीं, ग्रीस के साथ तुर्की का द्वीपों को लेकर विवाद है। तुर्की, ग्रीस के कई द्वीपों पर दावा करता है और सैन्य ताकत के दम पर कब्जे की धमकी भी देता है। इसे लेकर ग्रीस और तुर्की की सेनाएं भी आमने-सामने आ चुकी हैं।


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