कोल्हापुर: कोरोना संक्रमण अब कम हो गया है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं अब एक नया वायरस एक बार फिर से सिर उठाने लगा है। अगस्त महीने में मुंबई के चेंबूर में जीका वायरस का एक मरीज मिला था। अब कोल्हापुर के इचलकरंजी में तीन नए संदिग्ध मरीज सामने आए हैं। इन तीन में से एक डॉक्टर है। इचलकरंजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तांबेमल में जीका वायरस वायरस से एक मरीज का पता चला था। 2 सितंबर को दो और संदिग्ध मरीज मिले। इन तीन मरीजों के ब्लड के सैंपल एक प्राइवेट लैब के जरिए एनआईवी, पुणे भेजे गए हैं। अभी रिपोर्ट नहीं मिली है लेकिन कल तक रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।पहला मरीज 38 साल के पुरुष न्यूरोफिजिशियन है। इसका अपना क्लिनिक है। वह भगवान के दर्शन के लिए कोंकण गए। कार पार्किंग की जगह पर उन्हें मच्छरों से काफी परेशानी हुई। इसके बाद वह बीमार पड़ गए और उन्होंने अपना खून जांच के लिए भेजा। इसमें जीका जैसा वायरस पाया गया। इस मरीज के बाद दो और संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से एक गर्भवती है और संदिग्ध मरीज के घर में छह लोग हैं और उनमें से तीन के नमूने जांच के लिए ले लिए गए हैं। सभी मरीजों के खून के नमूने आगे की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर वायरल रिसर्च की प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं।चूंकि इचलकरंजी के तांबे माल और गांव इलाकों में मरीज पाए गए हैं। इसलिए वहां पर स्वास्थ्य महकमा तुरंत सक्रिय हो गया है। इनमें से दो मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। चूंकि जीका वायरस मुख्य रूप से मच्छरों से फैलता है, इसलिए रविवार से नगर निगम एक्टिव हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवा छिड़काव का काम शुरू कर दिया गया है। कोल्हापुर जिले में पहली बार इस वायरल बीमारी का पता चलने के बाद से हड़कंप मच गया है।जीका वायरस क्या है?जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छर से फैलता है। एडीज मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया वायरस भी फैलाते हैं। लेकिन यह बीमारी जानलेवा नहीं है। हालांकि यदि तीन महीने की गर्भवती महिला को यह संक्रमण हो जाता है तो संभावना है कि बच्चे में सारकोमा विकसित हो जाएगा। शिशुओं में माइक्रोसेफली विकसित हो सकती है। जो एक दुर्लभ दोष है। जन्म के समय इन शिशुओं का सिर छोटा हो सकता है।जीका वायरस कैसे फैलता है?जीका वायरस मुख्य रूप से एडीज मच्छर प्रजाति से फैलता है। जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खून पीने से मच्छर इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। फिर यह वायरस मच्छर से अन्य लोगों को काटने से फैलता है। यह वायरस संभोग से भी फैल सकता है। जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?जीका वायरस के लगभग 80 प्रतिशत रोगियों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। वहीं, अन्य मरीजों में बुखार, बदन दर्द, आंखों में जलन, शरीर पर दाने, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण पाए जाते हैं। जीका वायरस के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के लगभग एक सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।जीका वायरस का इलाज क्या है?जीका वायरस के लिए वर्तमान में कोई टीका या स्पेशल इलाज नहीं है। डॉक्टर जीका वायरस से संक्रमित मरीजों को बुखार या सिरदर्द की दवा लेने की सलाह देते हैं। साथ ही अधिक आराम करने की भी सलाह दी जाती है।
from https://ift.tt/9o6AruZ
No comments:
Post a Comment