काठमांडू: नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने सरकार से सीमा प्रबंधन और नियमन के लिए भारत के साथ अतिरिक्त संधियों पर हस्ताक्षर करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आपराधिक गतिविधियों को रोकने और दोनों पड़ोसी देशों के बीच खुली सीमा का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए समानता और पारस्परिक हितों के आधार पर, यदि आवश्यक हो, तो भारत के साथ अतिरिक्त संधियों और समझौतों पर हस्ताक्षर करें। उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला वकील चंद्रकांत ग्यावली और सीमा मामलों के विशेषज्ञ बुद्धि नारायण श्रेष्ठ और अन्य द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिया। न्यायमूर्ति प्रकाश मान सिंह राउत और न्यायमूर्ति पुरूषोत्तम भंडारी की पीठ ने प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रिपरिषद, संघीय संसद सचिवालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय सहित अन्य के नाम पर आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं में से एक श्रेष्ठ ने आदेश के हवाले से कहा, ''क्योंकि नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा का अवांछित तत्वों द्वारा अक्सर दुरुपयोग किया गया है, इसलिए इसे ड्रोन और सीसीटीवी जैसी नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करके सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसे विनियमित किया जाना चाहिए।'' श्रेष्ठ ने कहा, 'अदालत ने सरकारी अधिकारियों से खुली सीमा के प्रभावी प्रबंधन और विनियमन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और राजनयिक पहल के जरिये समानता और पारस्परिक हितों के आधार पर, यदि आवश्यक हो, अतिरिक्त संधियों और समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा है।'' न्यायाधीशों ने 25 अप्रैल, 2021 को आदेश जारी किया था। आदेश का पूरा विवरण हाल में जारी किया गया था। नेपाल पांच भारतीय राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ लगभग 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
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