पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार ने इंजीनियर्स डे के मौके पर पुणे सिम्बॉयसिस कॉलेज में हुंडई कंपनी के बारे में एक किस्सा सुनाया। कार्यक्रम में शरद पवार ने इंजीनियरों के विजन की तारीफ करते हुए कहा कि वे देश को किसी भी ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। पवार ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि वह एक इंजीनियर की ताकत के कायल थे। उन्होंने कहा कि उस इंजीनियर की तस्वीर बारामती में बन रहे संग्रहालय में देखने को मिलेगी।आज हुंडई कहां पहुंच गई? पवार ने कहा कि उन इंजीनियर ने मुझसे कहा था उस इंजीनियर ने मुझे बताया। मुझे इंजन क्यों नहीं बनाना चाहिए? मुझे ऐसा लगा। उन्होंने इंजन बनाया, फिर उन्होंने इंजन बनाकर कंपनी शुरू की। उन्होंने मुझसे कहा कि मिस्टर पवार एक दिन आप देखेंगे कि हमारी कंपनी की कारें आपके देश में आसानी से चलती हैं। दिलचस्प बात यह है कि हमारी कंपनी की कार अमेरिका में भी उतनी ही लोकप्रिय होगी, जितनी भारत में। पवार ने कहा कि उस कंपनी का नाम है। आज हुंडई कहां पहुंच गई? जयललिता को किया फोन पवार ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि आप अपनी कंपनी को महाराष्ट्र ले आएं। इसके बाद मैं उन्हें यहां ले आया। जगह भी दिखाई गईं। उन्हें वो जगहें पसंद आईं, लेकिन तब राजनीतिक स्थिति सहज नहीं थी। पवार ने कहा कि मैं नाम नहीं लेता। उस समय जो राजनेता थे उनका दृष्टिकोण अलग था। बातचीत जब बढ़ी तो दूसरी तरफ से कहा गया कि क्या दोगे? ऐसी चर्चा शुरू हो गई। पवा ने कहा कि मैं तुरंत पीछे हट गया और यहां काम नहीं करने का फैसला किया। जमीन के साथ दी रियायतें पवार ने मैंने महसूस किया इस इस कंपनी को भारत में कहीं आना तो चाहिए। उस दौरान मैंने तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को फोन किया। उनसे कहा कि वह एक सज्जन व्यक्ति को ला रहा हूं। हम चेन्नई गए और जयललिता ने एक ही दिन में 1000 एकड़ जितनी जमीन की जरुरत थी। उतनी दे दी। पवार ने कहा कि उन्होंने काफी रियायतें दीं और हुंडई कंपनी वहां चली गई। पवार ने आखिर में कहा कि राज्य को दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास ज्ञान है तो उसका सम्मान करना सीखना चाहिए। पवार ने कहा कि कृषि और विकास से सबका डेवलपमेंट होगा।
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