जयपुर: महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का बिल लोकसभा में पारित होने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह राजीव गांधी का सपना था। उन्होंने संविधान संशोधन करके पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया था। संसद में भी आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन वह पास नहीं हो सका। सीएम गहलोत ने कहा कि महिलाओं को दिए जाने वाले आरक्षण का पूरा लाभ तभी मिल सकेगा, जब एससी, एसटी और ओबीसी को वर्ग के हिसाब से आरक्षण लागू किया जाता। ऐसा नहीं करने से महिलाओं के साथ केन्द्र सरकार न्याय नहीं कर रही है।
9 साल पहले क्यों नहीं लाया गया बिल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने 25 साल पहले महिलाओं को आरक्षण देने की कोशिश की थी लेकिन दे नहीं सके। उन्होंने कहा केन्द्र की बीजेपी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। इसके बावजूद भी 9 साल तक आरक्षण नहीं दिया। अब जाकर बिल पारित किया है। सीएम गहलोत ने कहा कि इसमें भी एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं का आरक्षण हो, तब जाकर महिलाओं का सपना पूरा होगा। भारत सरकार को चाहिए कि वे आगे आकर जो सोनिया गांधी और विपक्षी पार्टियों की भावना थी। उसके अनुरूप महिलाओं के आरक्षण में एससी, एसटी और ओबीसी को भी आरक्षण दें, तब जाकर महिलाओं को फायदा मिलेगा।जातिगत जनगणना देश की मांग
जयपुर में मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि अब देश में जातिगत जनगणना की मांग उठी हुई है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल लम्बे समय से मांग कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन भी जातिगत जनगणना की भी मांग कर रहे हैं। अब चुनाव नजदीक आ रहे हैं। वे समझ गए हैं कि जातिगत जनगणना भी इंपोर्टेंट है। सीएम ने कहा कि सोनिया गांधी जी ने यह भी कहा था कि यूपीए सरकार ने जो जातिगत जनगणना करवाई थी उसके भी आंकड़े जनता के बीच साझा करें। उसी से पता चलेगा कि देश में एससी, एसटी और ओबीसी की आबादी कितनी है। उसके बाद आरक्षण लागू करें।from https://ift.tt/ZJwY4XU
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