गुरुग्राम: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर घामरोजज टोल प्लाजा पर टोल छूट के लिए एक महीने में करीब 30 लोगों ने एनएचएआई, आर्मी, सीआईएसएफ और पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के पहचान पत्र का इस्तेमाल किया है। फिलहाल इन पहचान पत्र को टोल कलेक्शन एजेंसी ने अपने कब्जे में ले लिया है। इसके अलावा एजेंसी ने जांच में पाया है कि करीब 256 वाहनों के पास फर्जी आईडी से तैयार हुए हैं। दूसरी तरफ, 1050 वाहनों के पास आईएचएमसीएल सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी से या सॉफ्टवेयर में छेड़खानी से बने हैं। इन पास को कैंसल करने की सिफारिश टोल कलेक्शन एजेंसी ने एनएचएआई, आईएचएमसीएल को भेज दी है। वहीं, पुलिस में शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है। 7 जुलाई को नूर मोहम्मद टोल कलेक्शन एजेंसी ने टोल कनेक्शन के लिए एनएचएआई से करीब 105 करोड़ रुपये में ठेका लिया है।घामडौज टोल प्लाजा पर 4 गांव भौंडसी, घामडौज, अलीपुर और महेंद्रवाड़ा के पर्सनल व्हीकल को छूट है। इसके अतिरिक्त 20 किलोमीटर दायरे में 330 रुपये प्रति माह का पास बनाया जाता है। इस दायरे से दूर होने की स्थिति में 4115 रुपये का पास बनाया जाता है। एक महीने का यह पास इंडियन हाइवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) की वेबसाइट के माध्यम से बनाया जाता है।
इस तरह कंपनी ने की जांच
आईएचएमसीएल से पास को लेकर मिल रही राशि और टोल प्लाजा से पास के माध्यम से निकल रहे वाहनों की संख्या के बीच में बड़ा अंतर होने पर टोल कलेक्शन एजेंसी ने जांच की तो पता चला कि करीब 1050 वाहनों के पास गलत बने हुए हैं। एक महीने का पास होना चाहिए, लेकिन कुछ का पास तो 50 से 100 साल की समयावधि का बन गया है।पास का लाभ लेने को आधार कार्ड में एड्रेस बदल दिया
टोल कलेक्शन एजेंसी ने जांच में पाया है कि कुछ लोगों ने पास का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड में एड्रेस बदल लिया है। ऐसे में इस एजेंसी ने फैसला लिया है कि आधार कार्ड के आधार पर पास नहीं बनाया जाएगा। इसके लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, परिवार पहचान पत्र, बिजली बिल लिया जाएगा। ऑन लाइन पास अब नहीं बनाए जा रहे हैं। जांच के बाद मैन्यूअल पास बनाए जाएंगे।एक पास पर चलाए जा रहे 5-5 वाहन
एजेंसी ने ऐसे 3 वाहनों को जांच में पकड़ा है, जिनके पास से 5-5 वाहन चलाए रहे थे। ये फास्ट टैक को वाहन पर चिपकाने की बजाय अपने पास रखते थे। शीशे पर फास्ट टैक को लगा देते थे, जिससे वाहन निकल जाता था। पास पर अंकित वाहन का नंबर अलग मिला तो टोल प्लाजा से निकल रहे वाहन का नंबर अलग पाया। इसके अलावा 200 वाहन ऐसे पकड़े हैं, जो कंपनियों के नाम पर हैं। पास के नाम पर टोल टैक्स में छूट ली जा रही थी।from https://ift.tt/Gbq4dmo
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