नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता और अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था इसका गंभीरता से मुकाबला करे। गुतारेस ने यह भी कहा कि इस खतरे को लेकर भारत की स्वाभाविक रूप से अपनी चिंताएं हैं। आतंकियों को ब्लैकलिस्ट करने से चीन के बचाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होनी चाहिए।उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना ‘हम सभी’ के लिए ‘मौलिक प्राथमिकता’ होनी चाहिए और यह कुछ ऐसा है जो उनकी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है।उन्होंने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जो मेरी प्राथमिकताओं में बहुत ऊपर है। जब मैं संयुक्त राष्ट्र में आया तो मैंने जो पहला सुधार किया वह वास्तव में आतंकवाद विरोधी कार्यालय स्थापित करना था।’सीमा पार आतंकवाद पर भारत की चिंताओं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सदस्य देशों के साथ सहयोग के बारे में संयुक्त राष्ट्र क्या कर सकता है, यह पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की।संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक मुद्दा बन गया है और भारत की ‘स्वाभाविक रूप से’ अपनी ‘अपनी चिंताएं’ हैं।उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद वास्तव में ऐसी चीज है जिस पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए और यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की मौलिक प्राथमिकता होनी चाहिए।’चीन द्वारा कुछ आतंकवादियों को काली सूची में डालने के प्रयासों को रोकने के बारे में पूछे जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होनी चाहिए।यूएन महासचिव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह भारत की आकांक्षाओं को पूरी तरह से समझते हैं, लेकिन शीर्ष वैश्विक निकाय में सुधार के बारे में फैसला करना सदस्य देशों का काम है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की संरचना को 'आज की दुनिया की वास्तविकताओं' के अनुसार समायोजित करने की जरूरत है।गुतारेस ने कहा, 'यह परिभाषित करना मेरा काम नहीं है कि यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल में कौन होगा या किसे होना चाहिए, यह फैसला सदस्य देशों को करना है, लेकिन मेरा मानना है कि हमें एक ऐसी सिक्यॉरिटी काउंसिल की जरूरत है जो आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करे।' उन्होंने कहा कि आज की दुनिया अलग है। भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
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