रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में के लिए 15,66,867 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा उत्साह बाबा केदार के दर्शनों के लिए है। के लिए 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। रोजाना ही चारों धामों और हेमकुंड साहिब के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं।पर्यटन विभाग के अनुसार वेब पोर्टल के जरिए 41,739 (कुल 1218438) मोबाइल ऐप से 7793 (कुल 213381) और व्हाट्सएप से 4168 (कुल 135048) श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें केदारनाथ धाम के लिए शुक्रवार को 19962 (कुल 540999), बदरीनाथ धाम के लिए 16342 (कुल 453213), गंगोत्री धाम के लिए 9382 (कुल 287358), यमुनोत्री धाम के लिए 6751 (कुल 260597) और हेमकुंड साहिब के लिए 1263 (कुल 24700) श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। चारों धाम और हेमकुंड साहिब के लिए शुक्रवार को 53700 तीर्थयात्रियों का पंजीकरण हुआ है।बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने दोनों धामों में यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। बीकेटीसी का अग्रिम दल दोनों धामों में यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। बीकेटीसी सीईओ योगेंद्र सिंह ने मंदिर के सिंहद्वार, मंदिर परिसर, मंदिर समिति गेस्ट हाउस, दर्शन पंक्ति, तप्त कुंड, मंदिर मार्ग, बस टर्मिनल स्थित कार्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने अग्रिम दल को समय से आवश्यक कार्यों को पूरा करने के निर्देश भी दिए।उन्होंने केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने को कहा है। इस दौरान सीईओ योगेंद्र सिंह ने शीतकाल में धामों की सुरक्षा में तैनात मंदिर समिति स्वयंसेवकों, आईटीबीपी और पुलिस जवानों से भी मुलाकात की। बता दें कि बैसाखी से अवर अभियंता गिरीश रावत के नेतृत्व में मंदिर समिति का 20 सदस्यीय मंदिर कर्मियों, स्वयंसेवकों और श्रमिकों के साथ बदरीनाथ पहुंच गया था। यात्रा से पहले मंदिर परिसर की साफसफाई, रंग-रोगन, बिजली, पानी और आवास आदि की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है।वहीं पुलिस प्रशासन भी यात्रा की तैयारी को लेकर एक्शन मोड में आ गया है। डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान ने इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली के एसएसपी, एसटीएफ, सेनानायक, एसडीआरएफ, एसपी और रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा संबंधित तैयारी में जुटने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि चारों धामों और हेमकुंड साहिब में सुरक्षा ऑडिट कर धामों को त्रुटि रहित सुरक्षा दी जाए। श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा के दौरान स्थापित किए जाने वाले अस्थाई थाने, चौकियों, पर्यटन बूथ, बैरियरों को स्थापित किया जाए और समय से पुलिस बल की नियुक्ति भी की जाए। विशेषकर केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में घोड़े-खच्चरों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए स्थान चिन्हित कराए लिए जाएं।बाहरी राज्यों से चारों धामों एवं यात्रा मार्गों पर स्थित होटल, ढाबे, दुकान और सराय आदि पर काम करने वालों और घोड़े-खच्चर चलाने वालों का समय से सत्यापन कर लिया जाए। दैनिक सामानों आदि के मूल्य निर्धारण और निर्धारित मूल्य की सूची को दुकानों और ढाबों पर चस्पा कर दिये जायें ताकि यात्रियों के साथ किसी तरह की मनमानी न हो।चारधाम यात्रा के दौरान मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए हर जनपद में आसान पहुंच वाले स्थान पर एक सेल का गठन किया जाए और जनपदों में शिकायतों के निवारण के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर दिया जाए। यात्रा मार्ग पर समय से ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर वहां बोर्ड लगा दिए जाएं। पर्वतीय मार्गों पर बरसात के दौरान भूस्खलन का खतरा अक्सर बना रहता है।जिसकी वजह से यात्री कई-कई दिनों तक मार्गों में फंसे रहते हैं। जहां भी भूस्खलन की संभावना हो उन स्थानों को पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए और संबंधित विभागों से बातचीत कर इन स्थितियों से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बल्क एसएमएस के जरिए यात्रियों को मौसम और मार्ग अवरुद्ध होने की जानकारी देने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
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