रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं। पहले दो चरण के चुनाव में वोटिंग संपन्न हो गई। तीसरे फेज में बची हुई 7 सीटों पर मतदान होगा। के दूसरे चरण में राज्य की तीन लोकसभा सीटों पर 2019 के मुकाबले 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, इन तीन लोकसभा क्षेत्रों में पड़ने वाले 7 विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे जहां विधानसभा चुनाव की तुलना में वोटों का प्रतिशत कम था। इन 7 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 फिलहाल कांग्रेस के पक्ष में हैं और 2 बीजेपी के हैं। ऐसे में वोटिंग प्रतिशत में बदलाव से राजनीतिक दलों के समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। जिन 4 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो गई है। वहां, कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार चुनाव के बाद वोटों की गिनती में अपना समय बिता रहे हैं। इससे जीत-जीत और हार का आकलन करना भी आसान हो जाता है। लेकिन दूसरे दौर की वोटिंग के बाद भी दोनों पार्टियों के नेता जीत का दावा कर रहे हैं। सच्चाई तो 4 जून को ही पता चलेगी। महासमुंद में दिलचस्प मुकाबलाराजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है। जहां महिला मतदाताओं ने अधिक मतदान किया है। नतीजतन, इन महिलाओं के वोट बीजेपी की महिला उम्मीदवार रूप कुमारी चौधरी और कांग्रेस की महालक्ष्मी न्याय योजना दोनों के नतीजों पर असर डाल सकते हैं। गौरतलब है कि महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सरायपाली, महासमुंद और धमतरी विधानसभा सीटों पर कम मतदान हुआ। इन सीटों में से दो पर कांग्रेस और एक पर बीजेपी का विधायक है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ खल्लारी विधानसभा सीट से ही बढ़त मिली थी। जहां कांग्रेस विधायक मौजूद, वहां वोटिंग प्रतिशत कमकांकेर लोकसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। 1998 से इस सीट पर बीजेपी जीतती आ रही है। कांकेर लोकसभा सीट के संजारी, बालोद और गुंडरदेही विधानसभा सीट पर पिछली बार की तुलना में कम वोटिंग हुई। इन दोनों जगहों पर कांग्रेस के विधायक हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को डौंडीलोहारा से 11 हजार 370 और भानुप्रतापुर से 14 हजार 691 वोटों की बढ़त मिली थी। पिछली बार कांकेर लोकसभा सीट पर जीत और हार का अंतर 6 हजार 914 वोटों का था। तीनों लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा कांकेर में 1.96 फीसदी वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है।
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