चंडीगढ़: पंजाब की से निर्दलीय जीतकर सांसद बने अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख के निर्वाचन के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अमृतपाल सिंह पर चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करने और नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाने का आरोप लगाया गया है, जिस पर हाईकोर्ट जल्द ही सुनवाई कर सकता है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ विक्रमजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया है कि खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। अमृतपाल सिंह ने गुरुद्वारे से घोषणापत्र जारी किया। इसे गलत बताया गया है। हाईकोर्ट में जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है। जानकारियों छुपाने का आरोप दो दिन पहले ही अमृतपाल सिंह एनएसए में खुद को बंद किए जाने को चुनौती देते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यह विवाद तब खड़ा हुआ है जब फरीदकोट से निर्दलीय जीते सरबजीत खालसा ने राज्य में अमृतपाल के साथ मिलकर पार्टी बनाने का ऐलान किया है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। उनके चुनाव खर्च, जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई बैठकें हुईं और पैसा कहां खर्च हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए धार्मिक पहचान का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। असम की जेल में बंद है अमृतपाल असम की जेल में बंद है अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर जिन्ह जीरा को करीब दो लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी।
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