बीजिंग: दुनिया को अपनी सैन्य ताकत दिखा हड़काने वाले चीन को अब अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की याद आ रही है। वह महत्मा गांधी के विचारों का हवाला देकर भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने की जुगत में है। दरअसल, भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने महात्मा गांधी के एक प्रसिद्ध वाक्यांश का उदाहरण देकर द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की वकालत की है। भारत और चीन में 2020 से ही सीमा तनाव बना हुआ है। दोनों देशों की सेनाएं अब भी सीमा के दोनों ओर भारी हथियारों के साथ तैनात हैं। हालांकि दोनों देश आपसी समझ और बातचीत के जरिए तनाव को दूर करने की बात कहते आएं हैं।
चीनी राजदूत ने क्या कहा
एक कार्यक्रम में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, "भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या करते हैं।" द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास नई दिल्ली में मानसून की तरह स्वाभाविक रूप से नहीं आएगा। यह दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों के बिना नहीं हो सकता। उनका यह बयान तब आया है, जब पीएम मोदी ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चीन के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से किनारा किया, जिसमें शी जिनपिंग भी शामिल हुए थे। भारत के इस कदम को जी-20 के जवाब के तौर पर देखा गया, जहां जिनपिंग ने खुद न आकर अपने नए-नवेले प्रधानमंत्री ली कियांग को भेजा था।भारत-चीन में गंभीर मतभेद
चीन की कोशिश ताकत के दम पर अपने पड़ोसियों को डरा-धमकाकर रखने की है। हालांकि, भारत ने शुरू से ही चीन की इस दादागिरी का विरोध किया है। पीएम मोदी के सत्ता में आने के हाद से भारत ने चीन से लगी सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी तेजी से विकसित किया है। इससे बौखलाया चीन रोजाना सीमा पर कुछ न कुछ बदमाशी करने की कोशिश कर रहा है। लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध पिछले चार साल में कई दौर की बातचीत होने के बाद भी हल नहीं हो सका है। इसके बावजूद चीन अब भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।from https://ift.tt/bDZplRu
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