जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर उपचुनाव की चौसर बिछ गई है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में विधायक से सांसद बनने वाले पांच नेताओं और दो विधायकों के निधन के बाद राजस्थान में उपचुनाव हो रहे हैं। फिलहाल नामांकन प्रक्रिया जारी है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि शुक्रवार 25 अक्टूबर है। कांग्रेस ने सातों सीटों पर नए नेताओं को दांव खेला है जो पहले कभी विधायक या सांसद नहीं रहे।
दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने दीन दयाल बैरवा को मैदान में उतारा
कांग्रेस ने दौसा विधानसभा सीट से दीन दयाल बैरवा को प्रत्याशी बनाया है। स्नातक तक पढे लिखे डीडी बैरवा दौसा पंचायत समिति के प्रधान रहे हैं। और अभी वे जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं। उनकी पत्नी बीना बैरवा अभी लवाण पंचायत समिति की प्रधान हैं। उनके पिता किशनलाल बैरवा भी प्रधान रह चुके हैं। वे दो बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके थे। दीन दयाल बैरवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट के नजदीकी हैं। उनके पिता भी सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट के खास रहे हैं।झुंझुनूं विधानसभा सीट पर अमित ओला
झुंझुनूं विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है। नागपुर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिक में इंजीनियरिंग कर चुके ओला वर्तमान में पंचायत समिति सदस्य हैं। वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इनके पिता बृजेंद्र ओला चार बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में झुंझुनूं से लोकसभा सांसद हैं। उनकी मां राजबाला ओला भी जिला प्रमुख रह चुकी हैं। पत्नी आकांक्षा ओला महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं।देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कस्तूर चंद मीणा
टोंक जिले की देवली उनियारा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने केसी मीणा को प्रत्याशी बनाया है। पोस्ट ग्रेजुएट केसी मीणा हिंदुस्तान जिंक में वरिष्ठ अधिकारी रह चुके हैं। पिछले कई सालों से वे समाजसेवा से जुड़े हैं और राजनीति में भी सक्रिय हैं। पहले वे बीजेपी में थे लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए।सलूंबर विधानसभा सीट पर रेशमा मीणा
उदयपुर की सलूंबर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने रेशम मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है। पोस्ट ग्रेजुएट रेशम मीणा ने वर्ष 2018 में कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। वे लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं। वे पंचायत समिति प्रधान भी रह चुकी हैं और वर्तमान में उदयपुर कांग्रेस कमेटी की जिला सचिव भी हैं।चौरासी विधानसभा सीट से महेश रोत
29 वर्षीय महेश रोत को कांग्रेस ने चौरासी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। वे उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं और लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय हैं। छात्र राजनीति के समय वे एनएसयूआई से जुड़े हुए थे और बाद में यूथ कांग्रेस में रहे। महेश रोत संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं।खींवसर विधानसभा सीट से डॉ. रतन चौधरी
नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने डॉ. रतन चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। डॉ. रतन चौधरी के पति रिटायर्ड आईपीएस सवाई सिंह चौधरी वर्ष 2018 में कांग्रेस के टिकट से खींवसर से चुनाव लड़ चुके हैं। 66148 वोट लेकर वे दूसरे स्थान पर रहे थे। नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले सवाई सिंह चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन अब पत्नी को कांग्रेस का टिकट मिलने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।रामगढ़ विधानसभा सीट से आर्यन जुबेर खान
अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने दिवंगत विधायक जुबेर खान के बेटे आर्यन को चुनाव मैदान में उतारा है। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक डिग्री के बाद एलएलबी कर चुके आर्यन खुद पहली बार चुनाव मैदान में हैं। हालांकि वे अपने पिता के चुनाव मैनेजमेंट का पूरा कामकाज देखते रहे हैं।from https://ift.tt/s6CXOr9
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