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Tuesday, 8 October 2024

EVM से छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद, बैटरी की क्षमता और नतीजों में संबंध नहीं... चुनाव आयोग ने दिए हर सवाल के जवाब

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने की कुछ सीटों पर ईवीएम से कथित छेड़छाड़ की बात कही थी। कांग्रेस ने दावा किया था मशीनों में बैट्री चार्ज की अलग-अलग स्थिति के कारण अलग-अलग नतीजे आए। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं। जिन ईवीएम की बैट्री 99 फीसदी चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है। लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है। इस पर आयोग के सूत्रों ने रिएक्ट किया है।

जयराम रमेश ने उठाए सवाल

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि क्या आप इस षड्यंत्र को समझ गए हैं? जहां 99 फीसदी बैट्री होती है वहां बीजेपी जीतती है और जहां 60-70 प्रतिशत बैट्री है वहां कांग्रेस जीतती है। यह साजिश नहीं है तो और क्या है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एल्केलाइन बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि ईवीएम की शुरुआत के दिन उम्मीदवारों की मौजूदगी में कंट्रोल यूनिट में नई बैटरियां डाली जाती हैं और उन्हें सील कर दिया जाता है।

बैटरी की क्षमता से क्या है कनेक्शन

सूत्रों ने बताया कि शुरू में बैटरी 7.5 से 8 वोल्ट के बीच वोल्टेज देती है। इसलिए, जब वोल्टेज 7.4 से ऊपर होता है, तो बैटरी की क्षमता 99 फीसदी दिखाई देती है। ईवीएम के इस्तेमाल से इसकी बैटरी की क्षमता और इसके परिणामस्वरूप वोल्टेज कम हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि वोल्टेज 7.4 से नीचे जाने पर बैटरी की क्षमता 98 फीसदी से 10 फीसदी तक प्रदर्शित होती है।

चुनाव आयोग के सूत्र ने क्या कहा

इसमें बताया गया कि कंट्रोल यूनिट तब तक काम करती है जब बैटरी में 5.8 वोल्ट से ज्यादा वोल्टेज होता है। ऐसा तब होता है जब बैटरी की क्षमता 10 फीसदी से ज्यादा रह जाती है और कंट्रोल यूनिट डिस्प्ले पर बैटरी बदलने की चेतावनी दिखाई देती है। यह उस संकेत के समान है जो किसी गाड़ी में तब प्रदर्शित होता है जब इंजन बहुत कम बचे ईंधन पर चल रहा होता है।

हरियाणा चुनाव नतीजों के कांग्रेस ने उठाए सवाल

सूत्रों ने बताया कि मतगणना के दिन बैटरी की बची क्षमता कंट्रोल यूनिट पर किए गए ‘मॉक मतदान’, वास्तविक मतदान और बैटरी के प्रारंभिक वोल्टेज (8 से 7.5 वोल्ट) पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर, एल्केलाइन बैटरी में ‘स्विच ऑफ’ (बंद) रखने पर कुछ हद तक वोल्टेज फिर प्राप्त करने का गुण होता है।


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