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Saturday, 8 February 2025

12 लाख रुपये से कम है इनकम क्‍या तो भी फाइल करना होगा ITR? समझ‍िए

नई दिल्‍ली: में मध्यवर्गीय करदाताओं को बड़ी राहत मिली है। नई टैक्‍स व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक सालाना कमाने वालों को अब इनकम टैक्‍स नहीं देना होगा। यह बदलाव कर-मुक्त सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर देता है। इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को फायदा होगा। इन्‍हें पहले 20,000 रुपये से 80,000 रुपये तक टैक्‍स देना पड़ता था। यह राहत सिर्फ नई इनकम टैक्‍स व्यवस्था के तहत मिलेगी। यह 2023 से डिफॉल्‍ट है। इसका लाभ उठाने के लिए व्यक्तियों को स‍िर्फ आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना होगा। कुछ और करने की जरूरत नहीं है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में मध्यवर्गीय करदाताओं के लिए आयकर में बड़ी राहत की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि शून्य टैक्‍स लायबिलिटी केवल नई कर व्यवस्था पर लागू होती है। यह व्यवस्था 2023 से डिफॉल्‍ट रूप से लागू है। इस बदलाव का लाभ उठाने के लिए लोगों को अपना ITR दाखिल करना होगा। किसी भी अतिरिक्त कदम की जरूरत नहीं है।पहले, नई इनकम टैक्‍स व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वाले व्यक्ति को लगभग 80,000 रुपये आयकर देना पड़ता था। संशोधित सीमा के साथ यह टैक्‍स दायित्व समाप्त कर दिया गया है, बशर्ते करदाता छूट का दावा करने के लिए ITR जमा करे।

क्‍या 12 लाख से कम आय होने पर रिटर्न फाइल करना होगा?

सीए (डॉ.) सुरेश सुराना के मुताबिक, 12 लाख रुपये से कम आय होने पर भी टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने से तभी छूट मिलती है जब मूल छूट सीमा का उल्लंघन न हो। यह सीमा पुरानी टैक्‍स व्यवस्था के तहत सामान्य नागरिकों (60 वर्ष से कम आयु) के लिए 2.5 लाख रुपये, वरिष्ठ नागरिकों (60 से 79 वर्ष की आयु) के लिए 3 लाख रुपये, सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष या उससे अधिक) के लिए 5 लाख रुपये और नई कर व्यवस्था के तहत सभी व्यक्तियों के लिए 4 लाख रुपये है।'कुछ अन्य मानदंड भी हैं, जिन्हें पूरा करने पर कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक न होने पर भी रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है। जैसे- 1. बैंकिंग संस्थानों में चालू खाता जमा 1 करोड़ रुपये से अधिक है। 2. 1 लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल है। 3. 2 लाख रुपये से अधिक का विदेश यात्रा पर खर्च है।

टैक्‍स से जुड़े कुछ FAQ

12 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को नई दरों से कैसे लाभ होगा?

पहले किसी भी व्यक्ति को 12 लाख रुपये की आय पर (नई व्यवस्था में) 80,000 रुपये का कर देना पड़ता था। अब उसे ऐसी आय पर शून्य कर देना होगा।

क्या इस बजट में शून्य कर भुगतान के लिए कुल आय की सीमा बढ़ाई गई है?

हां, नई कर व्यवस्था में शून्य कर भुगतान के लिए कुल आय की सीमा इस बजट में बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है, बशर्ते करदाता छूट का लाभ उठाने के लिए ITR दाखिल करे।

पहले शून्य कर भुगतान के लिए आय की सीमा क्या थी?

उत्तर: पहले शून्य कर भुगतान के लिए आय की सीमा 7 लाख रुपये थी। इस सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने से लगभग एक करोड़ करदाता, जिन्हें पहले 20,000 रुपये से 80,000 रुपये तक कर देना पड़ता था, अब शून्य कर देंगे।

संशोधित आयकर स्लैब

नई टैक्‍स व्यवस्था में एक अतिरिक्त स्लैब होगा, जिससे वित्त वर्ष 2025-26 में स्लैब की कुल संख्या सात हो जाएगी। नई कर स्लैब संरचना इस प्रकार है:
आय (रुपये में) टैक्स (%)
0 - 4,00,000 0
4,00,001 - 8,00,000 5
8,00,001 - 12,00,000 10
12,00,001 - 16,00,000 15
16,00,001 - 20,00,000 20
20,00,001 - 24,00,000 25
24,00,001 और उससे अधिक 30
यह नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे उनकी बचत बढ़ेगी और वे अपने पैसे का बेहतर इस्तेमाल कर पाएंगे। हालांकि, ITR दाखिल करना अनिवार्य है। इसलिए, सभी करदाताओं को समय पर अपना ITR दाखिल करना चाहिए।


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