राजीव/नूंह: सुप्रीम कोर्ट ने भले ही हरियाणा क्षेत्र के अरावली पहाड़ों में किसी भी तरह के खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा हो, लेकिन खनन माफिया नूंह में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों धज्जियां उड़ा रहे हैं। राजस्थान से सटे अरवाली क्षेत्र में नूंह जिले के गांव रवा और हथनगांव सहित कई गांवों में अवैध खनन हो रहा है। हैरत की बात यह है कि गांव रवा स्थित अरावली की पहाड़ियों से भूमाफियां 15 एकड़ पहाड़ को काट कर लेर गए। भूमाफियाओं ने करोड़ों रुपये का अवैध खनन कर करीब 300 फीट गहराई तक खदान बना दी है। इसका खुलासा राजस्थान और हरियाणा के अधिकारियों की नापतौल जांच में हुआ।बीते सोमवार को जब परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा गांव हिरवाड़ी में जन संवाद कार्यक्रम में लोगों की शिकायतें सुनने पहुंचे तो गांव रवा निवासी साजिद ने मंत्री से खुले मंच से अवैध खनन की शिकायत की। जिसके बाद मंत्री मूलचंद शर्मा ने संज्ञान लेते हुए पहाड़ की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को जेसीबी से काटने का आदेश दिया। इसके साथ ही अवैध खनन करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए। सीमा का फायदा उठाकर राजस्थान के लीज धारक नूंह में करते हैं प्रवेशहरियाणा से लेकर राजस्थान तक फैली अरावली पर्वत श्रृंखला में सुप्रीम कोर्ट द्वारा खनन पर रोक लगा रखी है, लेकिन राजस्थान में की सीमा में पड़ने वाले अरावली पहाड़ पर खनन पर कोई पाबंदी नहीं है। जिस वजह से राजस्थान सरकार इस पहाड़ को खनन के लिए लीज पर काफी समय से छोड़ती आ रही है। नूंह के एक दर्जन गांवों की सीमाएं राजस्थान से सटी हुई हैं। रवा गांव भी उनमें से एक है। इसी का फायदा उठाते हुए राजस्थान के लीज धारक वा गांव के कुछ लोग पहाड़ में करीब 500 मीटर तक अंदर घुस गए और अवैध खनन कर उसे गायब कर दिया। ऐसा नहीं की इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है बल्कि अच्छी तरह से जानकारी थी, क्योंकि क्षेत्र के लोग अवैध खनन करने की शिकायत सरकार और उच्च अधिकारियों से करते रहे हैं। एक शिकायत पर राजस्थान के अधिकारियों के साथ मिलकर नूंह जिला प्रशासन ने गत 23 मार्च 2023 को पहाड़ की नापतौल कराई। जिसके बाद यह खुलासा हुआ की भूमाफियाओं द्वारा 15 एकड़ पहाड़ को चट किया जा चुका है। इसके अलावा स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन का खेल गांव हथनगांव में भी खुलकर खेला जा रहा है।
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