बेंगलुरु: पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में इस सप्ताह दो बंद का आह्वान किया गया है। पहला बंद मंगलवार को बेंगलुरु में और दूसरा राज्यव्यापी बंद शुक्रवार को होगा। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक की याचिका पर सुनवाई के दौरान ठोस दलीलें पेश करने की बात कही। सरकार ने आश्वासन दिया कि वह अंतर-राज्यीय नदी विवाद को लेकर जारी आंदोलन को कंट्रोल करने का प्रयास नहीं करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह जल शक्ति मंत्रालय को कावेरी बेसिन में सभी जलाशयों की स्टडी करने के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश दें। उन्होंने ऐसी स्थितियों में सभी संबंधित राज्यों पर लागू होने वाला एक उचित फार्मूला तैयार करने की जरूरत पर भी बल दिया।मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वानपड़ोसी राज्य तमिलनाडु में एक किसान संघ ने राज्य सरकार से मंगलवार को यहां होने वाले विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र सरकार के माध्यम से उचित कदम उठाने का आग्रह किया है। सोमवार को कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले 'कन्नड़ ओक्कुटा' के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई। इससे कुछ दिन पहले किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' ने मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया था।शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान दोनों बंद किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों के बीच विभाजन को दर्शाते हैं। अब इस बात को लेकर भी भ्रम पैदा हो गया है कि कौन किस दिन बंद का समर्थन कर रहा है और क्या सेवाएं आज यानी मंगलवार को उपलब्ध होंगी। शांताकुमार ने कहा है कि वे मंगलवार को बेंगलुरु बंद का समर्थन करेंगे। शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने वाले वतल नागराज ने साफ किया कि ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ आज के बंद का समर्थन नहीं कर रहा। शांताकुमार ने कहा कि उन्हें आज के बंद के आह्वान के लिए कई संगठनों से समर्थन मिला है और वे इसपर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर वहां धरना देंगे। राज्य सरकार, मुख्यमंत्री को हमारा ज्ञापन लेना होगा। अगर सरकार की ओर से हमारे विरोध प्रदर्शन पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो हम आगे की कार्रवाई पर विचार करके कोई फैसला लेंगे। आज के बंद पर टेंशन क्या? शांतिपूर्ण बंद का आह्वान करते हुए उन्होंने पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने की भी अपील की कि कोई अप्रिय घटना न हो। वतल नागराज ने कहा कि उन्होंने 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' से अपने बंद के आह्वान को स्थगित करने और 29 सितंबर को उनके साथ मिलकर बंद में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हमने 29 सितंबर को अखंड कर्नाटक बंद (संपूर्ण कर्नाटक बंद) का आह्वान किया है। यह पूरे राज्य में होगा। हमारी लड़ाई पूरे कर्नाटक के लिए है। कन्नड़ ओक्कुटा ने अब तक पूरे राज्य में 50 से ज्यादा बंद का आयोजन किया है। ओला-उबर ड्राइवर्स एसोसिएशन ने 29 के बंद का किया समर्थन इस बीच ओला-उबर ड्राइवर्स एसोसिएशन ने आज कहा कि वे कन्नड़ समर्थक संगठनों की ओर से बुलाए गए 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को पूरा समर्थन देंगे, लेकिन आज के बंद का समर्थन नहीं करेंगे। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि आज हमारी सेवाएं सामान्य रहेंगी। यह निर्णय कन्नड़ समर्थक और अलग-अलग संगठनों की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया। एसोसिएशन ने कहा कि वाहन चालक वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनकी राय है कि वे दो दिन काम बंद नहीं कर सकते।बंद के लिए आज समर्थन वापस लेने का फैसला‘होटल ओनर्स एसोसिएशन’ ने भी भ्रम की स्थिति का हवाला देते हुए आज बंद के लिए समर्थन वापस लेने का फैसला किया है और कहा है कि सभी होटल और रेस्तरां खुले रहेंगे। हालांकि, ऑटो और टैक्सियों का संचालन करने वाले संघों और यूनियनों ने आज के बंद के आह्वान को अपना पूरा समर्थन दिया है। केएसआरटीसी स्टाफ एंड वर्कर्स फेडरेशन ने भी बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) के कर्मचारियों से सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक डिपो से कोई भी बस नहीं चलाने के लिए कहा है। मेट्रो सेवाओं पर बंद के आह्वान का असर पड़ने की आशंका नहीं है और वे सामान्य रूप से चलती रहेंगी। प्राइवेट स्कूलों और कॉलेजों ने की छुट्टीआज बेंगलुरु बंद के मद्देनजर राज्य के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों और कॉलेजों ने पहले ही छुट्टी की घोषणा कर दी है। जनता दल सेक्युलर के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी कल होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन करेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपनी ठोस दलीलें पेश करेगी और यह राज्य के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।कर्नाटक सीएम ने बंद पर क्या कहा? सिद्धरमैया ने कहा कि हमने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। अदालत ने हमारी और तमिलनाडु की दलीलें खारिज कर दीं। उन्होंने (तमिलनाडु ने) पहले 24,000 क्यूसेक की मांग की। फिर 7,200 क्यूसेक की। हमने कहा कि 5,000 क्यूसेक भी नहीं दे सकते, क्योंकि पानी नहीं है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और मामला 26 सितंबर को अदालत के सामने आ रहा है। हम अपनी दलीलें और अधिक मजबूती से रखेंगे। (इनपुट एजेंसी)
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