नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के वास्ते सड़क निर्माण के लिए काटे गए पेड़ों की संख्या का पता लगाने के लिए ऊपरी गंगा नहर क्षेत्र की उपग्रह तस्वीरें दाखिल करने का निर्देश दिया है। यात्रा के तहत 22 जुलाई से शुरू होने वाले सावन के महीने के दौरान तीर्थयात्री गंगा नदी से जल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार जाते हैं। फिर इसे शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए वापस लाते हैं।
पेड़ों की अवैध कटाई ना हो
ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पेड़ों की अवैध कटाई न हो। एनजीटी उत्तराखंड सीमा के पास मुरादनगर (गाजियाबाद जिला) से पुरकाजी (मुजफ्फरनगर जिला) तक 111 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग की दो लेन के निर्माण के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन प्रभागों में संरक्षित वन क्षेत्र में एक लाख से अधिक पेड़ों की कटाई से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था।1.12 लाख पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी
ट्रिब्यूनल ने एक समाचार पत्र की उस रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला शुरू किया था, जिसमें खुलासा हुआ था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊपरी गंगा नहर के किनारे सड़क के लिए 1.12 लाख पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी। बाद में तीन लोगों ने एक आवेदन दायर किया था। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आरोपों पर गौर किया।8 जुलाई को दिया था आदेश
उत्तर प्रदेश के सहायक महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि कुछ स्थानों पर सड़क की चौड़ाई घटाकर पेड़ों की कटाई को कम करने का प्रयास किया गया था। पीठ ने आठ जुलाई को पारित अपने आदेश में कहा कि सही स्थिति का पता लगाने के लिए, हम भारतीय सर्वेक्षण विभाग को नहर के दोनों किनारों पर काटे गए पेड़ों की संख्या को दर्शाने वाली उपग्रह तस्वीरें दाखिल करने का निर्देश देते हैं।from https://ift.tt/vzjT50D
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