नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मौजूदा चेयरमैन ने 30 नवंबर को अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद मंगलवार को तीसरे कार्यकाल की दौड़ से खुद को अलग कर लिया। इससे खेल की वैश्विक संचालन संस्था में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। शाह इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे या नहीं यह 27 अगस्त तक स्पष्ट हो जाएगा जो चेयरमैन पद के लिए नाम दाखिल करने की आखिरी तारीख है। आईसीसी ने बार्कले को लेकर क्या कहा?आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले ने अब तक चार साल पूरे कर लिए हैं। आईसीसी ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने बोर्ड को पुष्टि की है कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए खड़े नहीं होंगे और नवंबर के अंत में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने पर पद छोड़ देंगे। बार्कले को नवंबर 2020 में आईसीसी के स्वतंत्र अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2022 में फिर से इस पद पर चुना गया।’ आईसीसी ने कहा, ‘मौजूदा निदेशकों को अब 27 अगस्त 2024 तक अगले अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रस्तुत करना होगा और यदि एक से अधिक उम्मीदवार हैं तो चुनाव होगा और नए चेयरमैन का कार्यकाल 1 दिसंबर 2024 से शुरू होगा।’क्या जय शाह होंगे आईसीसी के अगले चेयरमैन?आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं और अब विजेता के लिए नौ मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। शाह को आईसीसी के बोर्ड में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक माना जाता है। वह वर्तमान में आईसीसी की शक्तिशाली वित्त (Finance) और वाणिज्यिक (Commercial) मामलों की उप समिति के प्रमुख हैं। वोटिंग करने वाले 16 सदस्यों में से अधिकांश के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। वर्तमान में बीसीसीआई सचिव के रूप में शाह का एक साल का कार्यकाल बचा है जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2025 से तीन साल का अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ ड्यूरेशन) लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई के संविधान के अनुसार कोई पदाधिकारी तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से पहले 6 साल तक पद पर रह सकता है। कुल मिलाकर कोई व्यक्ति कुल 18 वर्षों तक पद पर रह सकता है - राज्य संघ में नौ और बीसीसीआई में नौ वर्ष। अगर शाह अपने सचिव पद का एक वर्ष शेष रहते हुए आईसीसी में जाने का निर्णय लेते हैं तो उनके पास बीसीसीआई में चार वर्ष शेष रह जाएंगे। वह 35 वर्ष की उम्र में आईसीसी के इतिहास में सबसे कम उम्र के चेयरमैन हो सकते हैं। जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने आईसीसी का नेतृत्व किया है।
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