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Monday, 2 December 2024

कभी भी हो सकती है मिल्कीपुर चुनाव की घोषणा, सपा-बीजेपी के लिए क्यों अहम अयोध्या की ये सीट

अभय सिंह राठौड़, लखनऊ/अयोध्या: उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी ने 9 में से 7 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि सपा को सिर्फ दो सीट पर ही संतोष करना पड़ा था। वहीं, अब की मिल्कीपुर सीट का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग किसी भी वक्त उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। उधर, मिल्कीपुर सीट के लिए बीजेपी और सपा दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। बीजेपी मिल्कीपुर सीट जीत कर सपा से अपना फैजाबाद सीट हार का बदला पूरा करना चाहती है, जबकि सपा उपचुनाव की हार का बदला बीजेपी से मिल्कीपुर में लेकर हिसाब बराबर करना चाहेगी। फिलहाल ये सीट अयोध्या से जुड़ी होने के नाते सबकी निगाहें पर टिकी हैं, क्योंकि इस पर जीत हार देश की राजनीति पर असर डालेगी। उपचुनाव के नतीजों को 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर जीत दर्ज करना सपा और बीजेपी के लिए बेहद जरूरी है।

मामला कोर्ट में था, इसलिए नहीं हुआ चुनाव

दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव होना था, लेकिन अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव नहीं हो पाया था। इसके पीछे मामला कोर्ट में होने की बात सामने आई थी। बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने 2022 चुनाव के नतीजे आने के बाद सपा विधायक के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर दी थी। पूर्व विधायक ने बताया कि सपा विधायक ने जिस नोटरी से हलफनामा बनवाया था, उसका लाइसेंस पहले ही निरस्त हो चुका था। इसी आधार पर निर्वाचन को अवैध बताते हुए याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई लखनऊ बेंच में चल रही थी। हालांकि, हाल ही में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ के वापसी प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद मिल्कीपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, चुनाव की घोषणा अभी भले ही न हुई हो, लेकिन बीजेपी और सपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर सीट जीतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सपा ने मिल्कीपुर सीट से अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी अपने पूर्व विधायक एवं प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। बीजेपी बाबा गोरखनाथ को फिर से उम्मीदवार घोषित कर सकती है।

पांच मंत्रियों को दी गई जिम्मेदारी

बीजेपी ने इस सीट को जीतने के किए पांच मंत्रियों को लगा दिया है, जबकि सीएम स्वयं इस सीट पर नजर बनाए हुए हैं। बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी सीटों का नुकसान हुआ था। यहां तक की बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली फैजाबाद सीट भी सपा जीत ली थी। लोकसभा चुनाव के कुछ दिन पहले ही अयोध्या में श्री राम लाल का प्राण प्रतिष्ठा हुआ था। इसके बाद भी बीजेपी हार गई थी। वहीं, सपा ने इस जीत को खूब भुनाया। इस हार के बाद सीएम योगी पर उंगली उठने लगी थी। साथ ही बीजेपी की रणनीति भी सवालों के कटघरे में खड़े हो गई। यही कारण है कि बीजेपी खासकर सीएम योगी ने अयोध्या की मिल्कीपुर उपचुनाव को अपने सम्मान से जोड़ लिया है।

2022 चुनाव में अवधेश प्रसाद ने बाबा गोरखनाथ को हराया था

बता दें कि 2022 चुनाव में बीजेपी मिल्कीपुर सीट हार गई थी। सपा कैंडिडेट अवधेश प्रसाद ने बीजेपी उम्मीदवार गोरखनाथ बाबा को करीब 13 हजार वोटों से चुनाव हरा दिया था, जबकि 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कमल का फूल खिला दिया था। बाबा गोरखनाथ विधायक बने थे। सपा के अवधेश प्रसाद दूसरे नंबर पर आए थे। उन्हें सिर्फ 58,684 वोट मिले थे। 2012 में सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी। 2007 में बसपा के आनंद सेन ने जीत दर्ज की थी। वहीं, उपचुनाव के नतीजे से गदगद बीजेपी इस बार भी बाबा गोरखनाथ पर दांव लगा सकती है। फिलहाल चुनाव की तारीखों का एलान अभी नहीं हुआ है। चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीख घोषित कर सकता है।


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