नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे विशेष मौकों पर आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने से संबंधित सभी प्रावधानों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। बुधवार को जारी आदेश अनिता सेंटियागो नाम की महिला की जनहित याचिका पर आया है, जिन्होंने ऐसे मौकों पर पकड़े गए कुत्तों को छोड़ने और पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के अनुसार उनकी देखभाल के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ता ने एबीसी नियमों के आदेश पर प्रकाश डाला कि उचित रिकॉर्ड रखने के लिए पकड़ने के तुरंत बाद कुत्तों की पहचान, नंबर वाले 'कॉलर' से की जानी चाहिए ताकि बाद में उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जा सके जहां से उन्हें पकड़ा गया था। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वकील ने कहा कि निगम एबीसी नियमों का पालन कर रहा है और जहां तक जी20 शिखर सम्मेलन का सवाल है, पकड़े गए आवारा जानवरों को छोड़ने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) को आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के दौरान पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के तहत सभी प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
कोर्ट में क्या-क्या दलीलें रखी गईं?
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के लिए एक विस्तृत तंत्र प्रदान करता है। इन नियमों में नंबरदार कॉलर वाले पकड़े गए कुत्तों की तुरंत पहचान करने, उचित रिकॉर्ड बनाए रखने और उन्हें उसी इलाके में छोड़ने की आवश्यकता शामिल है जहां से उन्हें पकड़ा गया था। एमसीडी के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पकड़े गए कुत्तों को रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसकी पुष्टि एडब्ल्यूबीआई के वकील ने एक बयान से की। अदालत ने आवारा कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के संबंध में पशु जन्म नियंत्रण नियमों के सख्त अनुपालन के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद अदालत ने विशेष आयोजनों और सामान्य तौर पर आवारा कुत्तों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए इन नियमों के पालन की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।from https://ift.tt/hrI2dpt
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